Akhil Akhilesh
जिम्मेदारी बहुत बड़ी चीज है। हँसते,खेलते मुस्करातें चेहरे एक दिन अचानक से जिम्मेदार हो जाते हैं और मौन भी। अचानक से लंबी #नींद scheduled हो जाती है। अचानक ही सारे हिसाब-किताब,सारी दुनियादारी आ जाती है। रोते नही है,छिपा लेते हैं गम। झूठ बोलना सीख जाते हैं-हॉं ठीक हूँ,सब बढ़िया है। रातें छोटी हो जाती हैं और सपने बड़े। समस्याओं से घिरे होते हुए भी मजबूती से पकड़े रहते हैं जिम्मेदारी की डोर। ये दुनिया डराती है,उलझाती है लेकिन हारते नही वो,बस लड़ते रहते हैं खुद से...महज इस उम्मीद में कि किसी दिन उठेंगे बन्द कमरों से...और आसमान छू लेंगे।
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