उसे आईलाइनर पसंद था, मुझे काजल। Akhil Akhilesh
वो फ्रेंच टोस्ट और कॉफी पे मरती थी, और मैं अदरक की चाय पे।
उसे नाइट क्लब पसंद थे, मुझे रात की शांत सड़कें।
शांत लोग मरे हुए लगते थे उसे, मुझे शांत रहकर उसे सुनना पसंद था।
लेखक बोरिंग लगते थे उसे, पर मुझे मिनटों देखा करती जब मैं लिखता।
मसूरी के लाल डिब्बे में बैठकर सूरज डूबना देखना चाहता था।
उसकी बातों में महँगे शहर थे, और मेरा तो पूरा शहर ही वो।
न मैंने उसे बदलना चाहा न उसने मुझे। एक अरसा हुआ दोनों को रिश्ते से आगे बढ़े। कुछ दिन पहले उनके साथ रहने वाली एक दोस्त से पता चला, वो अब शांत रहने लगी है, लिखने लगी है। आधी रात को अचानक से उनका मन अब चाय पीने को करता है।
और मैं......
मैं भी अब अक्सर कॉफी पी लेता हूँ किसी महँगी जगह बैठकर। ❤️
#bhaskar
Akhil Akhilesh
अखिल अखिलेश
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें