मेरा मन! Akhil Akhilesh
कभी-कभी मैं बहुत व्याकुल हो जाता हूं अपने पढ़ाई को लेकर, करियर को लेकर और भविष्य को लेकर.. ऐसा नहीं है कि मैं इन सब के लिए मेहनत नहीं कर रहा परंतु फिर भी पता नहीं क्यों कहीं ना कहीं से आकर नकारात्मक शक्ति मुझे थपड़ मार ही देती है, शायद मैं कम वक्तों में विजय होना चाहता हूं,।। एक बात मैं समझ गया हूँ अगर जीवन में कुछ अलग करने की ज़िद है तो फिर दुनियादारी के मोह का त्याग करना ही पड़ेगा..!!!
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