संदेश

अक्टूबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सब कुछ बर्दाश्त करेंगे और कभी हर्फ़-ए-शिकायत ज़बान पर न लाएँगे। क्योंकि अगर इस दर से धक्का मिल गया तो कोई और ठिकाना नहीं है...

चित्र
सब कुछ बर्दाश्त करेंगे और कभी हर्फ़-ए-शिकायत ज़बान पर न लाएँगे। क्योंकि अगर इस दर से धक्का मिल गया तो कोई और ठिकाना नहीं है... Akhil Akhilesh #AkhilAkhilesh