सब कुछ बर्दाश्त करेंगे और कभी हर्फ़-ए-शिकायत ज़बान पर न लाएँगे। क्योंकि अगर इस दर से धक्का मिल गया तो कोई और ठिकाना नहीं है...
सब कुछ बर्दाश्त करेंगे और कभी हर्फ़-ए-शिकायत ज़बान पर न लाएँगे। क्योंकि अगर इस दर से धक्का मिल गया तो कोई और ठिकाना नहीं है...
Akhil Akhilesh
#AkhilAkhilesh
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