Valentine's Day Special "Akhil Akhilesh"
बाँसुरी बजाता कन्हैया प्रेम में तुम्हें प्रिय है मगर सती का शव हाथों में धरे शंकर से क्यों घबराते हो? तुम प्रेम तो चाहते हो मगर अपनी सीमाओं के भीतर ! पर सार्वभौमिकता से भागते हो ! तुम प्रेम से अभी भी बहुत दूर हो! क्या तुम प्रेम करना भी जानते हो?
ThirdEye
#Thirdeye367
#AkhilAkhilesh
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